Last Updated on December 21, 2024 by Yogi Deep
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में स्थित प्रत्येक घाट की अपनी एक अनोखी कहानी है। वाराणसी में कुल 84 से अधिक घाट हैं, जो काशी की संस्कृति और आध्यात्मिकता को दर्शाते हैं। यह घाट केवल स्नान एवं पूजा के लिए ही नहीं बल्कि जीवन और मृत्यु के चक्र का जीवंत दर्शन है। काशी के इन्हीं घाटों पर तुलसीदास, रविदास, कबीर दास, पतंजलि, बाबा कीनाराम, रानी लक्ष्मीबाई, श्री शंकराचार्य, श्री वल्लभाचार्य जैसे अनेक संत महात्माओं ने ज्ञान की प्राप्ति की। कोई यदि काशी के इन घाटों पर शांत ध्यान युक्त मन से बैठे तो उसे भगवान शिव के उपस्थिति का बोध होगा।
पौराणिक कथाओं के अनुसार वाराणसी में मुख्य पांच घाट ही थे: जिनमें असि घाट, दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, पंचगंगा घाट और आदि केशव घाट मुख्य है। काशी के हर घाट की अपनी एक पौराणिक और ऐतिहासिक कहानी विख्यात है। गंगा नदी के किनारे स्थित यह सभी घाट स्नान-ध्यान, पूजा-पाठ के साथ-साथ मनुष्यों के लिए मोक्ष का मार्ग भी खोलते हैं। इन सब के साथ ही काशी में मां गंगा की एक और विशेषता यह भी है कि यह काशी में उत्तरवाहिनी हैं।
काशी में स्थित कई घाट वर्तमान समय निजी स्वामित्व में भी हैं। इसके अलावा कई घाट सिंधिया, होलकर, भोसले, पेशवा एवं मराठा साम्राज्य के वंशजों के संरक्षण में है। इसके अलावा अन्य घाट राज्य सरकार एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत स्थित है।
चाहे दशाश्वमेध घाट की चहल-पहल हो, अस्सी घाट की युवाओं के बीच लोकप्रियता हो, अथवा मणिकर्णिका घाट की शांत गंभीरता हो, यहाँ हर घाट की अपनी एक अनोखी पहचान और कहानी है। सुबह-सुबह गंगा किनारे की नाव की सवारी, घाटों पर उगते सूरज को देखना और शाम की गंगा आरती का अनुभव मन को छू लेने वाला होता है। चलिए जानते हैं गंगा किनारे बसे इन सभी घाटों के बारे में…
वाराणसी के सभी घाटों की सूची
यहां आपको वाराणसी में स्थित सभी घाटों की एक क्रमबद्ध सूची दी गई है। गंगा के किनारे कुल 88 घाट हैं, जिनमें से कुछ घाट गंगा के उस किनारे पर स्थित हैं। यदि हम घाटों की गिनती अस्सी घाट से शुरू करें तो यहां कुल मिलाकर 84 घाट है। बचे हुए सभी अन्य घाट आपको इस सूची के अंत में मिलेंगे।
वाराणसी के 84 घाट
काशी के घाटों से जुड़े आपके सवालों एवं सुझावों का स्वागत है। लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद्