भदैनी घाट, वाराणसी

By Yogi Deep

Last Updated on December 14, 2024 by Yogi Deep

गंगा के शांत तट पर बसे बनारस के घाट अपने पौराणिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वप्रसिद्ध हैं। इन्हीं घाटों में से एक है भदैनी घाट, जो अपने ऐतिहासिक और आधुनिक महत्व के कारण विशेष स्थान रखता है। यह घाट अन्य लोकप्रिय घाटों की तुलना में कम भीड़भाड़ वाला है, जिस कारण लोग यहाँ जाना खूब पसंद करते हैं।

घाट का नामभदैनी घाट, वाराणसी
अन्य नामजलकल घाट
क्षेत्रवाराणसी
निर्मातावाराणसी नगर निगम के अंतर्गत
विशेषताकम भीड़, शांत वातावरण
दर्शनीय स्थलभद्रेश्वर शिव, भद्र विनायक

भदैनी घाट का इतिहास और महत्व

भदैनी घाट का नाम इसके पास बसे भदैनी क्षेत्र के नाम पर रखा गया है। इस घाट का ऐतिहासिक जुड़ाव लोलार्क घाट से है, जिसका वर्णन पुराणों में भी है। पहले यह क्षेत्र भद्र वन के नाम से जाना जाता था, जो भद्रेश्वर शिव और भद्र विनायक (गणेश) की प्रतिमाओं से सुशोभित था। ये प्रतिमाएं आज भी आसपास के मंदिरों में देखी जा सकती हैं। यह घाट तुलसी घाट के समीप ही स्थित है।

भदैनी घाट पर वाराणसी नगर निगम द्वारा लगाया गया जल आपूर्ति पंप
भदैनी घाट पर वाराणसी नगर निगम द्वारा लगाया गया जल आपूर्ति पंप

वर्ष 1907 में वाराणसी नगर निगम ने यहां एक जल आपूर्ति पंप स्थापित किया, जिसकी वजह से इसे जलकल घाट भी कहा जाता है। यह जल पंप आज भी कार्यरत है, हालांकि यहाँ एक नया पंप भी स्थापित किया गया है। इस घाट का उल्लेख ग्रिब्ज ने सन 1909 में किया था। वर्ष 1997 में इस घाट को पक्का किया गया, लेकिन इसका प्राकृतिक स्वरूप अब भी बरकरार है।

भदैनी घाट की विशेषताएं

शांत और आध्यात्मिक वातावरण: सुबह-सुबह इस घाट पर बहुत ही शांति रहती है। गंगा की लहरों का दृश्य मन को शांति प्रदान करता है। यदि आप योग ध्यान व साधना करते हैं तो यह स्थान आपके लिए बहुत उपर्युक्त है।

दृश्य और गतिविधियां:

  • गंगा नदी का अद्भुत दृश्य यहां से देखा जा सकता है।
  • आप नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं और गंगा के दूसरे किनारे पर स्थित रेत पर जा सकते हैं।
  • गंगा पार रेतीले तट पर ऊंट और घुड़सवारी का आनंद भी लिया जा सकता है।
  • सीढ़ियों पर बैठकर अपने पैरों को गंगा में डालने का अनुभव बेहद सुखद और आत्मिक संतोष प्रदान करता है।
  • शाम के समय घाट पर स्थित स्थानीय वेंडरों द्वारा परोसे जाने वाले लेमन टी और स्नैक्स का आनंद ले सकते है।

घाट पर समय बिताने के सुझाव

  • सुबह और रात का समय: गंगा की लहरों और शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है।
  • मित्रों और परिवार के साथ: यह घाट दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने के लिए उपयुक्त है।
  • फोटोग्राफी के लिए: यहां से गंगा और घाटों का दृश्य बेहद सुंदर दिखाई देता है।
प्रातः के समय भदैनी घाट
प्रातः के समय भदैनी घाट

सावधानियां और चुनौतियां

  • वैसे तो यहाँ के हर घाट की सफाई प्रतिदिन होती है लेकिन कुछ लोग यहां खाने पिने के बाद खाली बोतल, फाइबर प्लेट्स, प्लास्टिक इत्यादि यहाँ छोड़ जाते हैं।
  • विकलांग व्यक्तियों के लिए यहां प्रवेश सुविधाजनक नहीं है, क्योंकि सीढ़ियां अधिक हैं और व्हीलचेयर की व्यवस्था नहीं है।
  • यहाँ वाहन लाने से बचें क्योंकि आसपास की गलियां संकरी हैं।

वर्तमान समय में भदैनी घाट

भदैनी घाट पर किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्यक्रम इत्यादि नहीं होता है और ना ही इस घाट पर कोई अन्य कार्यक्रम होता है। यह घाट मुख्यतः जल आपूर्ति और जलकल पंप के लिए जाना जाता है। लेकिन यह घाट अपने ऐतिहासिकता, शांतिपूर्ण वातावरण, एकांत और आधुनिक महत्व के कारण अपनी एक अनूठी पहचान रखता है। इसके शांत वातावरण में समय बिताकर मन को शांति और प्रसन्नता प्राप्त होती है। यही कारण है की आस-पास इतने सुन्दर घाट होने के बावजूद भी लोग इस घाट पर खींचे चले आते हैं।

निवेदन: इस घाट पर लोग शांति एवं मन को आनंदित करने हेतु आते हैं। लेकिन उस दौरान यहाँ लोग चाय नाश्ता भी करते हैं, लेकिन खाने-पिने के बाद अपने कूड़े को वहीँ छोड़ कर चले जाते हैं। जिस कारण वहां नए लोगों को परेशानी होती है। अतः घाट पर स्वच्छता बनाए रखने में योगदान दें और इस ऐतिहासिक स्थान को सुंदर और स्वच्छ बनाए रखने में मदद करें।

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